Hum hai adhure in Hindi Fiction Stories by Priyanka books and stories PDF | हम हैं अधूरे

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हम हैं अधूरे

मोक्षा अपने मम्मी पापा की लड़की बेटी थी। बचपन से ही पड़ने में अच्छी और समयके चलते बेहद खूबसूरत भी। बारहवीं कक्षा के बाद उसका एक अच्छी कॉलेज में एडमिशन भी हो गया। उसकी सादगी भरी सुंदरता और खूबसूरती के चलते उसका सामना कई दिलफेंक आशिकों से भी हो जाता जिन्हें नजरअंदाज करते वो सिर्फ अपने कैरियर की तरफ ध्यान देती।

फर्स्ट बी. कॉम की परीक्षा में मोक्षा के पास एक लड़के की सीट थी जिसका आई कार्ड नीचे गिरा हुआ था। लड़का इस बात से बिल्कुल बेखबर था तो मोक्षा ने ही कार्ड उठकर उसे से दिया और बातों का सिलसिला शुरू हुआ ।

" हाय, I am Moksha." मोक्षा ने कहा।

" Sudeep." सामने से जवाब मिला।

"एग्जाम की तैयारी कैसी है आपकी?" मोक्षा ने पूछा।

"ठीकठाक। और आपकी?" सुदीपने प्रतिउत्तर दिया।

" मेरी भी ठीकठाक है पर आप जैसे जिनियस ऐसा कहे वो बात पल्ले नहीं पड़ी जनाब।" मोक्षा ने कहा।

"आप ऐसा कैसे केह सकती हैं? क्या आप मुझे जानती है??" सुदीप थोड़ा चौंक गया मोक्षा की बातें सुनकर।

"जहां गुलाब हो वहां उसकी महेक तो होनी ही है ना! आप वही हैं ना जिनका बारहवीं की बोर्ड एग्जाम में रैंक था? " मोक्षा ने पूछा।

" जी। मतलब काफी कुछ जानती होंगी आप मेरे बारे में।" सुदीप ने मुस्कुराकर कहा। और मोक्षा ने सिर्फ मुस्कुरा दिया।

एग्जाम के दिनों में, नेक्स्ट एंबीशन के बारे में, पढ़ाई के बारे में, गोल्स के बारे में, फ्यूचर के बारे में बस ऐसे ही बातें होती रही सुदीप और मोक्षा के बीच और दोनों में दोस्ती भी हो गई। अन्तिम दिन दोनों ने अपने मोबाइल नंबर भी एक्सचेंज किए । दोनों के बीच पहेले तो सिर्फ पढ़ाई की ही बातें होती पर जैसे जैसे वक़्त बीतता गया इन दोनों की दोस्ती भी गहराती गई।

सुदीप हॉस्टल में रहता था जहां उसका रूम मेट था अनीश। और अब तो अनीश और मोक्षा की भी जान पहेचान हो गई थी। तीनो आपस में बहुत घुल मिल गए थे और अच्छे दोस्त बन गए थे। ये तीनो उम्र के उस दौर में थे जहां एक दूसरे के प्रति आकर्षण होना लाज़मी था।

सुदीप की पहले एक गर्लफ्रेंड थी सीमा जिससे अब उसका ब्रेकअप हो चुका था। सुदीप सीमा से बेहद प्यार करता था इस लिए शायद अब वो किसी और लड़की की तरफ झुकाव महेसुस नहीं करता था । सुदीप मोक्षा को अपनी अच्छी दोस्त मानता था पर मोक्षा तो सुदीप के प्यार में पड़ चुकी थी और अब तक इजहार करने की हिम्मत नहीं जुटा पाई थी। यहां अनीश भी मोक्षा से एकतरफा प्यार करने लगा था। एक हद तक अनीश भी मोक्षा का सुदीप के तरफ का झुकाव समजने लगा था सो उसने सुदीप और मोक्षा से दूरियां बढ़ा ली और वक़्त रहेते अपने जज्बातों को समेट लिया।

मोक्षा के जीवन का अगला पड़ाव क्या होगा? क्या अनीश मोक्षा को अपने प्यार के बारे में कुछ बोलेगा? क्या सुदीप मोक्षा के प्यार को समझ पाएगा?

जानने के लिए पड़ते रहिए "हम हैं अधूरे।"

दोस्तो अपना कीमती प्रतिभाव अवश्य दें।